The Shodashi Diaries
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ज्येष्ठाङ्गबाहुहृत्कण्ठकटिपादनिवासिनीम् ॥७॥
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चक्रेश्या पुर-सुन्दरीति जगति प्रख्यातयासङ्गतं
साम्राज्ञी चक्रराज्ञी प्रदिशतु कुशलं मह्यमोङ्काररूपा ॥१५॥
Upon strolling to her historical sanctum and approaching Shodashi as Kamakshi Devi, her ability boosts in intensity. Her templed is entered by descending down a dim narrow staircase using a group of other pilgrims into her cave-llike abode. There are several uneven and irregular actions. The subterranean vault is hot and humid and still there is a sensation of basic safety and and protection during the dim light.
ह्रींमन्त्राराध्यदेवीं श्रुतिशतशिखरैर्मृग्यमाणां मृगाक्षीम् ।
षोडशी महाविद्या प्रत्येक प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने में समर्थ हैं। मुख्यतः सुंदरता तथा यौवन से घनिष्ठ सम्बन्ध होने के परिणामस्वरूप मोहित कार्य और यौवन स्थाई रखने हेतु इनकी साधना अति उत्तम मानी जाती हैं। त्रिपुर सुंदरी महाविद्या संपत्ति, समृद्धि दात्री, “श्री शक्ति” के नाम से भी जानी जाती है। इन्हीं देवी की आराधना कर कमला नाम से विख्यात दसवीं महाविद्या धन, सुख तथा समृद्धि की देवी महालक्ष्मी है। षोडशी देवी का घनिष्ठ सम्बन्ध अलौकिक शक्तियों से हैं जोकि समस्त प्रकार की दिव्य, अलौकिक तंत्र तथा मंत्र शक्तियों की देवी अधिष्ठात्री मानी जाती हैं। तंत्रो में उल्लेखित मारण, more info मोहन, वशीकरण, उच्चाटन, स्तम्भन इत्यादि जादुई शक्ति षोडशी देवी की कृपा के बिना पूर्ण नहीं होती हैं।- षोडशी महाविद्या
सा नित्यं नादरूपा त्रिभुवनजननी मोदमाविष्करोतु ॥२॥
कामाकर्षिणी कादिभिः स्वर-दले गुप्ताभिधाभिः सदा ।
By embracing Shodashi’s teachings, persons cultivate a lifestyle enriched with reason, like, and relationship for the divine. Her blessings remind devotees with the infinite elegance and knowledge that reside within, empowering them to live with authenticity and joy.
यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी कवच स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari kavach
Disregarding all caution, she went for the ceremony and located her father had started out the ceremony devoid of her.
‘हे देव। जगन्नाथ। सृष्टि, स्थिति, प्रलय के स्वामी। आप परमात्मा हैं। सभी प्राणियों की गति हैं, आप ही सभी लोकों की गति हैं, जगत् के आधार हैं, विश्व के करण हैं, सर्वपूज्य हैं, आपके बिना मेरी कोई गति नहीं है। संसार में परम गुह्रा क्या वास्तु है?
The one who does this Sadhana gets to be like Cupid (Shodashi Mahavidya). He's transformed into a wealthy, preferred among Gals and blessed with son. He receives the quality of hypnotism and achieves the self electric power.